हीरक जयंती समारोह : महामहिम राज्यपाल महोदया ने छात्रों को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित 

विद्यावती देवी महाविद्यालय तमकुही राज के बच्चे महामहिम तथा कुलपति के हाथों मेडल पाकर गौरवान्वित हुए

मनीष ठकुराई,तमकुहीराज/ कुशीनगर। गोरखपुर विश्वविद्यालय की तरफ से अधीनस्थ महाविद्यालय में खेलकूद एवं संस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित समस्त महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में भाग लिया। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्रतिभागी विजयी प्रत्याशियों को हीरक जयंती समारोह के दौरान मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मेडल शील्ड व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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फोटो कैप्शन -विद्यावती देवी महाविद्यालय के छात्रों को प्रशस्ति पत्र मेडल व फील्ड देते हुए महामहिम राज्यपाल महोदया श्रीमती आनंदीबेन पटेल व कुलपति महोदया प्रोफेसर पूनम टंडन

इस प्रतियोगिता में विद्यावती देवी महाविद्यालय तमकुही राज कुशीनगर के छात्र छात्राओं द्वारा अन्यात्र प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त होने पर सोमवार के दिन महामहिम राज्यपाल महोदया श्रीमती आनंदीबेन पटेल व कुलपति महोदया प्रोफेसर पूनम टंडन के द्वारा विद्यावती देवी महाविद्यालय को प्रशस्ति पत्र मेडल व फील्ड दिया गया। यह सभी प्रतियोगिताएं नोडल केंद्र विद्यावती महिला महाविद्यालय रामपुर राजा तमकुही राज व जिला मंडल कुशीनगर होते हुए फाइनल प्रतियोगिता विश्वविद्यालय में संपन्न हुई।

जिसमें विद्यावती देवी महाविद्यालय की छात्र-छात्राएं प्रतियोगिता में भाग लेते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया।जिनको महामहिम व कुलपति महोदया के हाथों सम्मान पाकर विद्यावती देवी महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं गौरवान्वित हुए तथा महामहिम की भूरिभूरि प्रशंसा की है।

माननीया महामहिम राज्यपाल महोदय के हाथों मेडल पाकर खिल उठा महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं का चेहरा । हीरक जयंती समारोह में प्रतिभा किया छात्र-छात्राओं को राज्यपाल एवं कुलपति महोदय द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के दीक्षांत भवन में मेडल पुरस्कार वितरण किया गया।

विद्यावती देवी महाविद्यालय द्वारा निम्न स्थान प्राप्त किया छात्रों मे नित्य तिवारी गोल्ड मेडल हरी लाल गोल्ड मेडल बिट्टू गुप्ता गोल्ड मेडल आंचल यादव गोल्ड मेडल दुर्गेश आनंद गोल्ड मेडल संदीप कुमार कांस्य मेडल तथा अनूप गुप्ता और मोहम्मद कैफ जुगल जोड़ी को सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया है।

प्रबंधक बबलू राय ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को तथा उनके अभिभावक सहित कुलपति महोदया महामहिम के प्रति आभार प्रकट करते हुए बधाई दी है।

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यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन और पारदर्शी संचालन के लिए डीएम ने अधिकारियों संग की समीक्षा बैठक

घनश्याम मणि, देवरिया। यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए सोमवार को जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने देवरिया क्लब में केंद्र व्यवस्थापकों, जोनल, सेक्टर, स्टेटिक मजिस्ट्रेट सहित पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए।

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जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से सतत निगरानी रखी जाए। परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरे, वॉयस रिकॉर्डर और राउटर की व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त होनी चाहिए। परीक्षा केंद्रों पर स्वच्छता, पर्याप्त प्रकाश, परीक्षार्थियों के बैठने की उचित व्यवस्था, पेयजल एवं शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने बताया कि जिले में 179 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन परीक्षाओं में हाईस्कूल के 65,120 और इंटरमीडिएट के 64,055 परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में संपन्न कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी परीक्षा केंद्र का सीसीटीवी कैमरा बंद पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा।

पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने कहा कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन द्वारा जारी सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए, तभी परीक्षा को सुचारु रूप से संपन्न कराया जा सकता है। एलआईयू और एसटीएफ की टीम पूरी तरह सक्रिय रहेगी। सभी अधिकारी शासन की मंशा के अनुरूप अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन सुनिश्चित करें।

समीक्षा बैठक के बाद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में स्थापित जनपद स्तरीय कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों की गुणवत्ता जांची और निर्देश दिए कि सभी कैमरे स्पष्ट दृश्य प्रदान करें। अगर किसी स्थान पर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत सूचित किया।

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गरीबों की साइकिल की कीमत 70 साल में 200 गुना हुई विद्यार्थियों के लिए बड़ा बोझ

साइकिल का आविष्कार जर्मनी के आविष्कारक कार्ल बाँन ड्रैस और स्कॉटलैंड की लोहार कर्क पैट्रिक मैक मिलन ने मिलकर किया था

कृष्णा यादव,तमकुहीराज/ कुशीनगर। साइकिल एक आवश्यक आवश्यकता है. गरीबों से लेकर विद्यार्थियों तक के लिए नित्य दिन साइकिल से यात्रा कर आवश्यक कार्यों की दिनचर्या में प्रयोग होती है। आज के प्रवेश में गरीब आदमी को साइकिल खरीदना महंगा पड़ गया है। क्योंकि 70 सालों में साइकिल की कीमत 200 गुना से भी ज्यादा हो गई है।

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साइकिल का आविष्कार वर्ष 1817 में जर्मनी के आविष्कारक के द्वारा किया गया था। वर्ष 1870 में लकड़ी की साइकिल की जगह धातू की साइकिल बनाने में प्रयास किया गया 1860 में फ्रांस में पहली बार अंग्रेजी में बाइसिकल या साइकिल का नाम रखा गया। जर्मन आविष्कारक कॉल ब्रांड ड्रेस को पहली साइकिल बनाने का श्रेय मिला 1817 में साइकिल सड़क पर आई। साइकिल का हिंदी नाम द्बिचक्र वाहिनीहै़।

1934 में साइकिल की कीमत मात्र 18 रुपए थी गांव में कोई व्यक्ति साइकिल खरीद कर लाता था। उसको देखने के लिए भीड़ लगती थी परंतु आज 70 साल बाद साइकिल की कीमत में बडा उछाल आया है। जो बढ़कर 4000 से 5000 के बीच बेची जा रही है ऐसे समय में गरीब आदमियों का साइकिल से चलना आने वाले दिनों में विकट समस्या का रूप धारण कर ली है।

साथ ही गरीबों के बच्चे जो स्कूलों में पैदल पढ़ने जाते थे उनको किसी तरह से गरीब मां बाप ने साइकिल मोहिया कराया आज वह भी साइकिल से दूर होते जा रहे हैं तथा पीठ पर किताबों की बोझ ढोने को मजबूर हैं। साइकिल गरीबों की अति आवश्यकता बन गई है।

साइकिल मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्रियां मँहगे दाम पर साइकिल बना रहे हैं। बाजार में हीरो जेट एवं हरक्यूलिस एटलस हीरो रॉयलरेले कंपनियों की साइकिलों की बिक्री ज्यादा है। कीमतों में उछाल के कारण गरीब व्यक्ति साइकिल चलाने से दूर होते जा रहे हैं।

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