मनोकामना पूर्ण करने वाले स्वयंभू बाबा पथलेश्वरनाथ की महिमा और बाबा से जुड़े चमत्कार का वर्णन

ओमप्रकाश कुमार भास्कर,छितौनी/कुशीनगर। कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र मां नारायणी के और पनियहवा रेलवे स्टेशन से मात्र 500 मिटर दक्षिण नगर पंचायत छितौनी में स्थित श्री पथलेश्वरनाथ जी का प्राचीन मंदिर है जहां पर दूर दराज नेपाल,बिहार,उत्तर प्रदेश गोरखपुर मण्डल बस्ती मण्डल से लोग सदैव दर्शन एवं पुजन तथा जलाभिषेक करने आते हैं। श्री पथलेश्वरनाथ जी एक चमत्कारी एवं सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाले स्वयंभू शिवलिंग है।

यह भी पढ़े :तमकुही राज से वाराणसी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे मे अधिग्रहित भूमि के मुआवजा का तहसील सभागार में एडीएम प्रशासन ने की समीक्षा बैठक

सैकड़ों वर्ष पूर्व में यह क्षेत्र जंगल हुआ करता था और चरवाहे गाय भैंस आदि लेकर आते थे और जहां आज विशाल मंदिर है एक छोटा सा लगभग 1 किलो का था जो आज लगभग 80 किलो हो गया है। पत्थर रहता था लेकिन उस वक्त चरवाहे पत्थर को लेकर जंगल में चले जाते थे और मूंज की रस्सी बनाने के लिए पत्थर पर थूरते थे और पत्थर को जंगल में फेंक कर चले जाते थे दूसरे दिन जब आते थे तो बाबा पथलेश्वरनाथ जी अपने इसी जगह पर मिलते थे जहां मंदिर बना हुआ है।

एक बार बाबा पथलेश्वरनाथ जी क्षेत्र वासियों को स्वप्न दिया कि चरवाहे हमें बहुत कष्ट दे रहे हैं हम पुरे क्षेत्र को कष्ट दूंगा तब क्षेत्र वासियों ने एक चबूतरा बना कर पुजा पाठ जलाभिषेक करने लगे उसी समय पुज्य नागाओं की जमात आई जिसमें पुज्य स्वामी शंकरानन्द गिरि जी महाराज नागा बाबा पथलेश्वरनाथ के महंत हुए और रुद्र महायज्ञ का आयोजन हुआ और लगातार 11 रूद्र महायज्ञ हुआ और मंदिर का निर्माण करने का निर्णय लिया गया।

इस क्षेत्र में 1971 में पहली घटना हुई जो मां नारायणी के कटान से नौतार जंगल बाढ़ से बंधा टूट गया जिससे क्षेत्र में चारों तरफ जल ही जल हो गया कई गांवों में में पानी भर गया था लेकिन बाबा पथलेश्वरनाथ मंदिर का बगीचा सुरक्षित रहा और एक बूंद पानी नहीं चढ़ा।

दूसरा चमत्कार तब हुआ जब पनियहवा मां नारायणी पर पुल निर्माण कार्य चल रहा था. तब दिन भर मजदूर पुल का पाया लगाया जाता था और रात में पाया गायब हो जाता था तब किसी ने CCL कंपनी के इंजीनियर से कहा कि यहां पर बाबा पथलेश्वरनाथ जी का और नागा बाबा का दर्शन करिए तब CCL कंपनी के इंजीनियर और मालिक आए और बाबा पथलेश्वरनाथ जी तथा नागा बाबा स्वर्गीय शंकरानन्द गिरि जी से आग्रह किया उस समय पुज्य महाराज जी ने रामचरित मानस का एक चौपाई सुनाया कि जब भगवान राम लंका चढ़ाई करने से पहले भगवान शिव जी की पुजा किया था यह बात कंपनी के इंजीनियर और मालिक को जंच गई और श्री पथलेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण किया उसके बाद पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया जो आज बिहार उत्तर प्रदेश को जोड़ने में सहायता मिली।

बाबा पथलेश्वरनाथ जी के दरबार में आज तक कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटा बाबा सबकी मनोकामना पूरी करते हैं।यहां हर समय महामृत्युंजय पुजा संतान सुख के लिए पुजा काल सर्प दोष यज्ञ अनुष्ठान शादी ब्याह मुण्डन संस्कार कथा प्रवचन यज्ञ आदि धार्मिक कार्य हमेशा होता रहता है। महाशिवरात्रि पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु बिहार, उत्तर प्रदेश, नेपाल आदि जगहों से आते हैं।

यह भी पढ़े :सामूहिक कन्या विवाह के अवसर पर 21 जोड़ों ने अग्नि को साक्षी मानकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *