संजय श्रीवास्तव, सम्पादक गौतम बुद्धा टाइम्स। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 15 जिलों में नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना का ऐलान किया गया है। यह पहल राज्य में नर्सिंग शिक्षा को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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मिशन निरामया योजना के तहत, केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी से यह कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए 1 अरब 5 हजार रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
मिशन निरामया: एक सहयोगात्मक प्रयास
“मिशन निरामया” योजना, केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त परियोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना करना है। इसके अंतर्गत, उत्तर प्रदेश के 15 नए स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेज स्थापित होंगे। इस परियोजना में केंद्र का योगदान 60 प्रतिशत होगा, जबकि राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि प्रदान करेगी। यह योजना न केवल नर्सिंग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
नर्सिंग शिक्षा में सुधार और रोजगार के अवसर
इन 15 नर्सिंग कॉलेजों के स्थापित होने से प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 23 से बढ़कर 38 हो जाएगी, जो कि एक बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है। उत्तर प्रदेश नर्सिंग एसोसिएशन के निदेशक, डॉ. आलोक कुमार ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे नर्सिंग के इच्छुक विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण मिलेगा। इन कॉलेजों से प्रशिक्षित स्टूडेंट्स सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देंगे, जिससे सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में कुशल और प्रशिक्षित नर्सों की कमी पूरी होगी।
प्रदेश के इन जिलों में खुलेंगे नए नर्सिंग कॉलेज
यूपी सरकार ने 15 जिलों के चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है। ये कॉलेज बस्ती, अयोध्या, बहराइच, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, हरदोई, एटा, सिद्धार्थनगर, प्रतापगढ़, गाजीपुर, मिर्जापुर, बिजनौर, सुल्तानपुर, ललितपुर और कुशीनगर में स्थापित होंगे। इन कॉलेजों की स्थापना से इन जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता बढ़ेगी और यहां के युवाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
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