सलमान,आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जिसने पूरे देश को चौंका दिया है। फतेहाबाद के सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में एक ही महिला के नाम पर 30 महीनों में 25 बार डिलीवरी और 5 बार नसबंदी दिखाकर जननी सुरक्षा योजना और नसबंदी योजना का पैसा हड़प लिया गया।
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गांव नगला कदम की रहने वाली कृष्णा कुमारी के नाम पर ये फर्जीवाड़ा किया गया। जबकि हकीकत यह है कि वर्ष 2017 के बाद से कृष्णा कुमारी ने कोई प्रसव नहीं कराया। मगर रिकॉर्ड में हर 35वें दिन उसकी डिलीवरी और हर कुछ महीनों में नसबंदी दर्शाई गई। खुद कृष्णा कुमारी को इस गड़बड़ी की जानकारी नहीं थी।
ऑडिट में खुलासा, जांच के बाद गिरफ्तारी
मामले का खुलासा विभागीय ऑडिट में हुआ, जिसके बाद सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने जांच कराई। पता चला कि महिला के नाम पर बैंक खाता खोलकर उसमें योजना के पैसे ट्रांसफर किए जाते थे और फिर वो पैसे निकाल लिए जाते थे।
जांच में शामिल होने के बाद नगला कदम गांव के महिला समूह संचालक अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर ब्लॉक अकाउंट मैनेजर नीरज अवस्थी और ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर गौरव थापा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि डाटा ऑपरेटर गौतम सिंह मौके से फरार हो गया। पुलिस ने तीनों गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया है और चौथे की तलाश जारी है।
जिले भर में फैला फर्जीवाड़ा, जांच टीम गठित
ऑडिट रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि यह फर्जीवाड़ा सिर्फ सीएचसी फतेहाबाद तक सीमित नहीं था। जिले की सभी 18 सीएचसी, एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला महिला अस्पताल लेडी लायल में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। शासन ने पूरे मामले की गहराई से जांच के लिए विशेष टीम गठित कर दी है।
निष्कर्ष:
इस मामले ने स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सरकार महिलाओं और नवजातों की सुरक्षा के लिए योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारी और कर्मचारी मिलकर उनका दुरुपयोग कर रहे हैं। उम्मीद है दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों पर रोक लगेगी।
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